नानी की दी गुल्लक पास रखता हूँ आदतन सिक्के भी वहीं डालता हूँ। नानी की दी गुल्लक पास रखता हूँ आदतन सिक्के भी वहीं डालता हूँ।
जमाना बीत गया कहानी सुने हुए परियों की, राजा रानी की। जमाना बीत गया कहानी सुने हुए परियों की, राजा रानी की।
मेरे अस्तित्व के अस्तित्व की जो पहचान है, वो है मेरी दादी नानी, बचपन का सबसे पहला प्य मेरे अस्तित्व के अस्तित्व की जो पहचान है, वो है मेरी दादी नानी, बचपन का सब...
साथी सुनाऊं तुमको आओ चलो चलें। साथी सुनाऊं तुमको आओ चलो चलें।
हँस हँस माँ को आपसे ढेरों डाँट पड़ाऊँगी। हँस हँस माँ को आपसे ढेरों डाँट पड़ाऊँगी।
एक बात कई बार कहने की आदत सी हो गई है। एक बात कई बार कहने की आदत सी हो गई है।